गाजर गुणों की खान है। शारीरिक एवं मानसिक रूप से अतिहितकारी औषध व खाद्य पदार्थ है। आलू के बाद इसे विश्व की सबसे ज्यादा पसंदीदा सब्जी माना जाता है।
यह पार्सले परिवार की सदस्य है, जिसमें हरा धनिया, सौंफ और जीरा भी आते हैं। गाजर में केरोटिन, विटामिन ए, शर्करा, पेक्टीन, एल्ब्युमीन, लौह-तत्व और अन्य पोषत तत्व मौजूद हैं।
गाजर में 86 प्रतिशत पानी के अलावा प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, केल्सीयम, फास्फोरस होता है। तासीर में यह हल्की गर्म होती है। यह भूख बढ़ाने वाली, थकान दूर करने वाली और नेत्रों के लिए हितकर है। खून की कमी को दूर करती है। नाक या थूक से रक्त आने की समस्या में भी यह बेहद फायदेमंद है।
जिन स्त्रियों में मासिक धर्म कम होता है, उन्हें 5 ग्राम गाजर के बीज, 5 ग्राम मूली के बीच को उबालकर, इसमें गुड़ मिलाकर पीना चाहिए।
— इसके बीज सूजन कम करते हैं, मस्तिष्क व नाड़ी के स्थान को ताकत देते हैं। गर्भाशय रक्त का शोधन भी करते हैं।
पेट के कीड़ों को निकालने के लिए गाजर के 1 कप रस में चुटकीभर बायबिडंग पाउडर और कमीला मिलाकर सेवन करना चाहिए।
पीलिया रोग में कुछ समय तक दिन में दो बार 1 कप गाजर के रस के साथ 1 चम्मच पुनर्नवा जड़ पाउडर लेने से फायदा होता है। साथ ही यकृत की सूजन, चर्बी बढऩा, पित्त रुकना आदि ठीक हो जाती है।
— गाजर व पपीते के सूप या रस का नियमित सेवन करने से विटामिन ए की कमी दूर होती है और नेत्र ज्योति बढ़ाने में मदद मिलती है।
– सिगरेट, बीड़ी, तम्बाकू का सेवन करने वालों को फेफड़ों की खराबी होने से छुटकारा पाने के लिए काली या लाल गाजर खाना हितकर है। एक अनुसंधान के मुताबिक बीटा केरोटीन से सेवन से फेफड़ों को आराम मिलने लगता है।
— यह अग्नाशय को शक्ति प्रदान करती है।
— मधुमेह के सामान्य रोगी इसका सेवन कर सकते हैं।
— गुर्दे की छोटी पथरी में गाजर के रस में यवक्षार व कलमी सोडा मिलाकर पीने से फायदा होता है।