किसी भी इंसान के बीमार रहने का सबसे बड़ा कारण उसकी अपनी आदतें हैं। जी हां आयुर्वेद में यह माना गया है कि इंसान की अधिकांश बीमारियों का कारण उसकी छोटी-छोटी आदतें होती हैं। दिनचर्या से जुड़े कुछ नियम ऐसे हैं, जिनका वर्णन आयुर्वेद में मिलता है। जो भी इंसान इन नियमों का पालन करता हैं वो हमेशा स्वस्थ रहता है। आइए आज हम आपको बताते हैं ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में, जिन्हें कोई भी इंसान अपना ले तो वह हमेशा स्वस्थ रहेगा।
नींद न कम न ज्यादा
जिस तरह से हमारे शरीर को सही मात्रा में भोजन की जरूरत होती है। उसी तरह पर्याप्त नींद भी होना चाहिए। एक स्वस्थ इंसान के लिए दिनभर में कम से कम सात से आठ घंटे की नींद जरूरी होती है। बेडरूम में टी.वी. कम्प्यूटर आदि समान नहीं होना चाहिए, क्योंकि इनकी मौजूदगी आपकी नींद में खलल डाल सकती है।
जिस तरह से हमारे शरीर को सही मात्रा में भोजन की जरूरत होती है। उसी तरह पर्याप्त नींद भी होना चाहिए। एक स्वस्थ इंसान के लिए दिनभर में कम से कम सात से आठ घंटे की नींद जरूरी होती है। बेडरूम में टी.वी. कम्प्यूटर आदि समान नहीं होना चाहिए, क्योंकि इनकी मौजूदगी आपकी नींद में खलल डाल सकती है।
रोज एक गिलास गर्म पानी पिएं
कुछ भारी खाने के बाद एक गिलास गर्म पानी पीना चाहिए, यह आपकी पाचनशक्ति को बढ़ाएगा और आपकी स्किन ग्लौ करने लगेगी। इसके अलावा दिनभर में कम से कम आठ गिलास पानी जरूर पिएं। इससे शरीर में उपस्थित विषैले तत्व बाहर हो जाते हैं।
कुछ भारी खाने के बाद एक गिलास गर्म पानी पीना चाहिए, यह आपकी पाचनशक्ति को बढ़ाएगा और आपकी स्किन ग्लौ करने लगेगी। इसके अलावा दिनभर में कम से कम आठ गिलास पानी जरूर पिएं। इससे शरीर में उपस्थित विषैले तत्व बाहर हो जाते हैं।
लिस्ट बनाएं - अक्सर कई बातों को याद करने के चक्कर में दिमाग पर काफी जोर डालना पड़ता है| याद रखें एक समय में कई बातों को याद नहीं रखा जा सकता है, यदि आप याद भी कर लें तो दिमाग पर जोर पड़ता है| मनोचिकित्सकों का कहना है कि इस स्थिति से बचने के लिए सबसे सरल तरीका है उनकी एक लिस्ट बना लें या उन कामों को किसी डायरी में नोट कर लें| इससे आपके दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं पड़ेगा|
खाना खूब चबा कर खाएं – चिकित्सकों का कहना है जो भी खाद्य पदार्थ अप ग्रहण करती हैं, उसे खूब चबा-चबाकर खाने से पेट पर ज्यादा जोर नहीं पड़ता. इससे हाजमा ख़राब होने संबंधी समस्याएं नहीं होतीं|
व्यायाम करें – आज की भागमभाग वाली जिंदगी में सबसे ज्यादा जोर आपकी पीठ और रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है, इस कारण अक्सर पीठ दर्द होने लगता है| चिकित्सकों के अनुसार इस पीड़ा से बचने के लिए जरूरी है कि आप प्रतिदिन थोडा सा व्यायाम करें|
गहरी सांस लें – विशेषज्ञों के अनुसार गहरी सांस लेने पर आपके शरीर में अधिक मात्रा में ऑक्सीजन जाती है| इस कारण शरीर के हर अंग में रक्त की आपूर्ति सुचारू रूप से होती है| मस्तिस्क को भी अधिक मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है, इसलिए दिन में कई बार गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें. ऐसा करने से मस्तिस्क को सामान्य अवस्था से कई फीसद अधिक ऑक्सीजन मिलेगी इससे आपकी विचार शक्ति बढ़ेगी|
न करें तुलना - कुछ नया सीखनें की जिज्ञासा पैदा करें अपनी कामयाबियों को सराहें, पर किसी शख्स के साथ अपनी तुलना न करें याद रखें, आप विलक्षण हैं आप जैसा कोई हो ही नहीं सकता. जब आप अपनी किसी दूसरे से तुलना करती हैं तो अपनी नहीं बल्कि दूसरे की जिन्दगी जीने का एक विफल प्रयास करती हैं|
स्वयं से प्रेम करें – जो स्वयं से प्रेम नहीं करता उसमें आत्मविश्वास का जज्बा नहीं पैदा हो सकता| आप दूसरों को तभी प्रेम कर सकते हैं जब स्वयं से प्रेम करेंगी, इस सन्दर्भ में अपने पास एक छोटी डायरी रखें. उस डायरी में दिन भर में घटित हुई कोई एक सकारत्मक घटना दर्ज करें, ऐसा करने से आप अपनी अपनी खूबियों पर ध्यान केंद्रित पर पाएंगी|
शौक विकसित करें – अपने को व्यस्त रखने के लिए कोई शौक अर्थात हॉबी जरूर विकसित करें| अपने शौक में व्यस्त रहने से फालतू बातें सोचने के लिए वक्त ही नहीं बचेगा| नतीजतन आपका दिमाग शांत और आप हर पल ख़ुशी महसूस करेंगे|