क्या आप अपने एपाइंटमेंट्स या अपनी चाबी भूल जाते हैं आपको लोगों के
चेहरे याद रहते हैं लेकिन उनका नाम नहीं। 40 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों
में याद्दाश्त कमज़ोर होना आज बहुत ही आम बात है। लेकिन इस बीमारी से बचा भी
जा सकता है।
● आयुर्वेद कहता है कि याद्दाश्त को किसी भी उम्र में बढ़ाया जा सकता है। बशर्ते आप कुछ बातों का खयाल रखें और कुछ चीजों को अपने जीवन का अहम हिस्सा बना लें।
● आयुर्वेद कहता है कि याद्दाश्त को किसी भी उम्र में बढ़ाया जा सकता है। बशर्ते आप कुछ बातों का खयाल रखें और कुछ चीजों को अपने जीवन का अहम हिस्सा बना लें।
》याद्दाश्त बढ़ाने के कुछ टिप्स
1) एक्टिव रहें :-
कम से कम हफ्ते में 5 दिन एक्टिव रहें। ताज़ा हवा में 30 मिनट तक टहलें या हाथ योगा की 12 साइकिल करें जिसे कि सन सैल्युटेशन कहते हैं।
2) सांस लें :-
ऐसी योग प्रक्रियाएं करें जिनमें नाक से सांस लेनी होती है जैसे अनुलोम विलोम। इनसे हमारे लेफ्ट और राइट हैमिस्फियर एक्टिवेट होते हैं और याद्दाश्त ठीक रहती है।
सीधा खड़े हो जायें और गहरी सांस लें। सांस लेते समय आसमान की ओर देखें। सांस छोड़ते समय अपनी चिन को चेस्ट की ओर करके ज़मीन की ओर देखें। ऐसा 7 बार करें।
3) कुछ पढ़ते रहें :-
हमारी याद्दाश्त हमारी मांस पेशियों की तरह है। जिस प्रकार मांस पेशियों का इस्तेमाल ना होने से वो कमज़ोर हो जाती हैं उसी प्रकार हमारी याद्दाश्त भी लगातार प्रैक्टिस ना करने से कमज़ोर हो जाती है।
4) स्वस्थ खायें :-
आयुर्वेदा के अनुसार याद्दाश्त बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ स्वीट पोटैटो, ओकरा, संतरा , कैरट, दूध, घी, बादाम खायें।
5) अपने शरीर को डीटाक्सिफाई करें :-
हफ्ते में एक दिन खिचड़ी खायें इससे आपका शरीर भी ठीक रहेगा और आप हल्का महसूस करेंगे ।
6) हर्बल पदार्थो का सेवन :-
कुछ हर्बल पदार्थ मेमोरी बढ़ाने में सहायक होते हैं जैसे मेधा ,ब्राह्मी ,जटामासी, भृंगराज और शंख पुष्पी।
7) नाक में तेल डालें :-
आयुर्वेदा के अनुसार हमारे नाक हमारे दिमाग का दरवाजा़ हैं इसलिए कुछ खास फूलों की महक हमें कुछ याद दिलाती हैं।
▪ आप अपनी आल्फैक्टरी बल्ब को एक्टिवेट करने के लिए आप गरम ब्राह्ती घी को सोने से पहले अपनी नाक में डाल सकते हैं।
▪ सोने से पहले आधा चम्मच ब्राह्मी और आधा चम्मच सैफरन को एक कप।
▪ दूध में मिला लें और इस दूध को 2 से 3 बार उबालें और फिर पीयें।
1) एक्टिव रहें :-
कम से कम हफ्ते में 5 दिन एक्टिव रहें। ताज़ा हवा में 30 मिनट तक टहलें या हाथ योगा की 12 साइकिल करें जिसे कि सन सैल्युटेशन कहते हैं।
2) सांस लें :-
ऐसी योग प्रक्रियाएं करें जिनमें नाक से सांस लेनी होती है जैसे अनुलोम विलोम। इनसे हमारे लेफ्ट और राइट हैमिस्फियर एक्टिवेट होते हैं और याद्दाश्त ठीक रहती है।
सीधा खड़े हो जायें और गहरी सांस लें। सांस लेते समय आसमान की ओर देखें। सांस छोड़ते समय अपनी चिन को चेस्ट की ओर करके ज़मीन की ओर देखें। ऐसा 7 बार करें।
3) कुछ पढ़ते रहें :-
हमारी याद्दाश्त हमारी मांस पेशियों की तरह है। जिस प्रकार मांस पेशियों का इस्तेमाल ना होने से वो कमज़ोर हो जाती हैं उसी प्रकार हमारी याद्दाश्त भी लगातार प्रैक्टिस ना करने से कमज़ोर हो जाती है।
4) स्वस्थ खायें :-
आयुर्वेदा के अनुसार याद्दाश्त बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ स्वीट पोटैटो, ओकरा, संतरा , कैरट, दूध, घी, बादाम खायें।
5) अपने शरीर को डीटाक्सिफाई करें :-
हफ्ते में एक दिन खिचड़ी खायें इससे आपका शरीर भी ठीक रहेगा और आप हल्का महसूस करेंगे ।
6) हर्बल पदार्थो का सेवन :-
कुछ हर्बल पदार्थ मेमोरी बढ़ाने में सहायक होते हैं जैसे मेधा ,ब्राह्मी ,जटामासी, भृंगराज और शंख पुष्पी।
7) नाक में तेल डालें :-
आयुर्वेदा के अनुसार हमारे नाक हमारे दिमाग का दरवाजा़ हैं इसलिए कुछ खास फूलों की महक हमें कुछ याद दिलाती हैं।
▪ आप अपनी आल्फैक्टरी बल्ब को एक्टिवेट करने के लिए आप गरम ब्राह्ती घी को सोने से पहले अपनी नाक में डाल सकते हैं।
▪ सोने से पहले आधा चम्मच ब्राह्मी और आधा चम्मच सैफरन को एक कप।
▪ दूध में मिला लें और इस दूध को 2 से 3 बार उबालें और फिर पीयें।