1. नींद न आती हो या तनाव रहता हो तो सिर के पास गुलाब के फूल रखकर सोएं, अनिद्रा की समस्या दूर हो जाएगी।
2. गुलाब के फूल की पंखुड़ियां खाने से मसूड़े और दांत मजबूत होते हैं। मुंह की बदबू दूर होती है और पायरिया रोग से भी निजात मिल जाती है।
2. गुलाब के फूल की पंखुड़ियां खाने से मसूड़े और दांत मजबूत होते हैं। मुंह की बदबू दूर होती है और पायरिया रोग से भी निजात मिल जाती है।
3. गुलाब में विटामिन सी बहुत मात्रा में पाया जाता है। गुलाब के फूल से
बना गुलकंद रोज खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं। रोजाना एक गुलाब खाने से
टी.बी. के रोगी को बहुत जल्दी आराम मिलता है।
4. गुलाब की पत्तियों को ग्लिसरीन डालकर पीस लें। इस मिश्रण को होंठों पर लगाएं। इससे होंठ गुलाबी और चिकने हो जाते हैं।
5. गुलाब से बने गुलकंद में गुलाब का अर्क होता है। यह शरीर को ठंडक पहुंचाता है। यह शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है और तरोताजा रखता है। पेट को भी ठंडक पहुंचाता है। गुलकंद स्फूर्ति देने वाला एक शीतल टॉनिक है, जो थकान, आलस्य, मांसपेशियों के दर्द और जलन आदि समस्याओं से बचाता है।
6. अर्जुन के पेड़ की छाल और देसी गुलाब मिलाकर पानी में उबाल लें। यह काढ़ा पीने से दिल से जुड़ी बीमारियां दूर रहती हैं।
7. गुलकंद में विटामिन सी, ई और बी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। भोजन के बाद गुलकंद खाने से पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
8. गुलकंद में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। त्वचा के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है। इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण हैं, जो त्वचा की समस्याएं मिटाते हैं।
9. बच्चों के पेट में कीड़े होने पर बाइविडिंग का चूर्ण गुलकंद में मिलाकर एक-एक चम्मच सुबह-शाम 15 दिनों तक लें। पेट के कीड़े खत्म हो जाएंगे।
10. आंखों में गर्मी के कारण जलन हो या धूल-मिट्टी से आंखों में तकलीफ हो तो गुलाबजल से आंखें धोने पर आराम मिलता है। रतौंधी रोग में गुलाब जल अचूक दवा का काम करता है।
11. गुलाब की पंखुड़ियों को सुखा कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को चेचक के रोगी के बिस्तर पर डालने से उसे ठंडक और आराम मिलता है।
12. गुलाब को पीस कर लेप बनाकर सिर पर लगाने से सिर दर्द थोड़ी देर में गायब हो जाता है।
13. भोजन के बाद पान में गुलकंद डलवाकर खाना चाहिए। इससे सांस की दुर्गंध दूर हो जाती है और खाना भी हजम हो जाता है।
4. गुलाब की पत्तियों को ग्लिसरीन डालकर पीस लें। इस मिश्रण को होंठों पर लगाएं। इससे होंठ गुलाबी और चिकने हो जाते हैं।
5. गुलाब से बने गुलकंद में गुलाब का अर्क होता है। यह शरीर को ठंडक पहुंचाता है। यह शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है और तरोताजा रखता है। पेट को भी ठंडक पहुंचाता है। गुलकंद स्फूर्ति देने वाला एक शीतल टॉनिक है, जो थकान, आलस्य, मांसपेशियों के दर्द और जलन आदि समस्याओं से बचाता है।
6. अर्जुन के पेड़ की छाल और देसी गुलाब मिलाकर पानी में उबाल लें। यह काढ़ा पीने से दिल से जुड़ी बीमारियां दूर रहती हैं।
7. गुलकंद में विटामिन सी, ई और बी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। भोजन के बाद गुलकंद खाने से पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
8. गुलकंद में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। त्वचा के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है। इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण हैं, जो त्वचा की समस्याएं मिटाते हैं।
9. बच्चों के पेट में कीड़े होने पर बाइविडिंग का चूर्ण गुलकंद में मिलाकर एक-एक चम्मच सुबह-शाम 15 दिनों तक लें। पेट के कीड़े खत्म हो जाएंगे।
10. आंखों में गर्मी के कारण जलन हो या धूल-मिट्टी से आंखों में तकलीफ हो तो गुलाबजल से आंखें धोने पर आराम मिलता है। रतौंधी रोग में गुलाब जल अचूक दवा का काम करता है।
11. गुलाब की पंखुड़ियों को सुखा कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को चेचक के रोगी के बिस्तर पर डालने से उसे ठंडक और आराम मिलता है।
12. गुलाब को पीस कर लेप बनाकर सिर पर लगाने से सिर दर्द थोड़ी देर में गायब हो जाता है।
13. भोजन के बाद पान में गुलकंद डलवाकर खाना चाहिए। इससे सांस की दुर्गंध दूर हो जाती है और खाना भी हजम हो जाता है।