कॉलेस्ट्रॉल की सही मात्रा एंजाइम्स बनाने में सहायक होती है।
▪ यह खाने में ज्यादा चिकनाई इस्तेमाल करने से हो सकता है।
▪ अलसी के बीज पीसकर नियमित सेवन से इसमें लाभ होता है।
▪ मेथी के अंकुरित बीजों का सेवन इस समस्या को ठीक करता है।
● कॉलेस्ट्रॉल शरीर में मौजूद फैट या वसा का ही एक हिस्सा होता है। शरीर में इसकी सही मात्रा बहुत से एंजाइम्स बनाने में भी मदद करती है। लेकिन खराब खान-पान और दिनचर्या के चलते यह शरीर में अधिक हो जाता है, जिस कारण कई बीमारियां घेर लेती हैं। हालांकि उपचार के सबसे पुराने और विश्वसनीय तरीके, यानी 'आयुर्वेद' से इसका उपचार संभव है। इस लेख में जानें आयुर्वेद की मदद से कोलेस्ट्रॉल का उपचार।
》कॉलेस्ट्रॉल क्या है :-
कॉलेस्ट्रॉल के उपचार के बारे में बात करने से पहले ज़रा ये जान लेते हैं कि कॉलेस्ट्रॉल क्या है, और शरीर में इसकी उपस्थिति का क्या अर्थ बनता है। दरअसल शरीर में खून के संचार होने से इसमें चर्बी बनती है, इसी को कॉलेस्ट्रॉल कहते हैं। कॉलेस्ट्रॉल शरीर की कोशिकाओं को एनर्जी देता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो कॉलेस्ट्रॉल शरीर और उसकी कोशिकाओं के लिए ढांचागत सुविधाएं तैयार करने का काम करता है, और शरीर में बहुत से एंजाइम्स बनाने में भी मदद करता है। खाने में ज्यादा चिकनाई का इस्तेमाल करने वालों, एक्सरसाइज न करने वालों और ज्यादा तनाव में रहने वालों में कॉलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। जब कॉलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है तो चलने पर सांस फूलना व बीपी हाई की समस्या होने लगती है। इन लोगों का खून भी गाढ़ा होता है और उन्हें शुगर और दिल की बीमारियां होने का जोखिम बढ़ जाता है। असामान्य कॉलेस्ट्रॉल वोले लोगों को गंभीर परिणाम के तौर पर हार्ट अटैक, लकवा, नपुंसकता और चलने पर पैरों में दर्द जैसी समस्याएं झेलनी पड़ सकती है।
》कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार
● कोलेस्ट्रॉल के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवाओं में आरोग्यवर्द्धिनी वटी, पुनर्नवा मंडूर, त्रिफला, चन्द्रप्रभा वटी और अर्जुन की छाल के चूर्ण काकाढ़ा आदि का उपयोग किया जाता है। कोलेस्ट्रॉल के आयुर्वेदिक उपचार के कुछ अन्य तरीके निम्न प्रकार हैं-
1) आधा चम्मच अलसी के बीज पीसकर उन्हें पानी से खाली पेट लें। यह ट्राइग्लिसराइड कॉलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा इन बीजों को रोटी या सब्जी में डालकर भी खाया जा सकता है, या फिर आप इन्हें आटे में भी पिसवा सकते हैं। शुगर और हाई बीपी के रोगी भी इसका सेवन कर सकते हैं।
2) पांच ग्राम अर्जुन छाल का पाउडर 400 मिलीग्राम पानी में डालकर उबालें। एक चौथाई रह जाने पर इस घोल को उतार लें। गुनगुना हो जाने पर इसे खाली पेट पिएं।
3) दिन में दो बार खाने से पहले मेदोहर वटी व त्रिफला गुगल वटी की 2 - 2 गोलियां गुनगुने पानी से लें।
4) 25 से 50 ग्राम लौकी का जूस लें, इसमें तुलसी और पुदीने की 7 - 8 पत्तियां मिलाकर सुबह-सुबह खाली पेट पिएं।
5) सौंठ, मरीच व पीपल का चूर्ण में एक छोटी चम्मच दालचीनी मिला कर एक कप पानी में 10 मिनट के लिए भिगो दें, और छोड़ी देर बाद लें। स्वाद के लिए इसमें छोड़ा शहद मिला सकते हैं। इसे पीने से कफ दूर होता है औरकॉलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित र हता है।
6) सुबह के समय एक कप गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर लें। इसमें कुछ बूंदें नीबू के रस की भी डाल लें।
7) आधे चम्मच नीबू के रस में आधा चम्मच कुतरा हुआ अदरक और एक कली लहसुन मिलाकर हरबार खाने से पहले लें।
8) मेथी के बीज अंकुरित करके रोजा 5 ग्राम सुबह नाश्ते में लें।
9) नीम के 10 पत्तों को एक कप पानी में भिगो लें। इन्हें पीसकर छान लें और रोजाना दिन में किसी भी समय पिएं।
रोज सुबह-सुबह खाली पेट एक छोटा चम्मच जैतून का तेल पिएं।
10) इसके अलावा कॉलेस्ट्रॉल के रोगियों को हेल्थी और बैलेंस्ड डायट लेनी चाहिए। अपने वजन को नियंत्रण में रखने के लिए उन्हें कम कैलरी लेनी चाहिए। लेकिन
11) कॉलेस्ट्रॉल के कई मरीज फैट पूरी तरह बंद न करें। क्योंकि शरीर के लिए उचित मात्रा में फैट्स भी जरूरी होते हैं, बस क्वॉलिटी और क्वॉन्टिटी का ध्यान रखें।
▪ यह खाने में ज्यादा चिकनाई इस्तेमाल करने से हो सकता है।
▪ अलसी के बीज पीसकर नियमित सेवन से इसमें लाभ होता है।
▪ मेथी के अंकुरित बीजों का सेवन इस समस्या को ठीक करता है।
● कॉलेस्ट्रॉल शरीर में मौजूद फैट या वसा का ही एक हिस्सा होता है। शरीर में इसकी सही मात्रा बहुत से एंजाइम्स बनाने में भी मदद करती है। लेकिन खराब खान-पान और दिनचर्या के चलते यह शरीर में अधिक हो जाता है, जिस कारण कई बीमारियां घेर लेती हैं। हालांकि उपचार के सबसे पुराने और विश्वसनीय तरीके, यानी 'आयुर्वेद' से इसका उपचार संभव है। इस लेख में जानें आयुर्वेद की मदद से कोलेस्ट्रॉल का उपचार।
》कॉलेस्ट्रॉल क्या है :-
कॉलेस्ट्रॉल के उपचार के बारे में बात करने से पहले ज़रा ये जान लेते हैं कि कॉलेस्ट्रॉल क्या है, और शरीर में इसकी उपस्थिति का क्या अर्थ बनता है। दरअसल शरीर में खून के संचार होने से इसमें चर्बी बनती है, इसी को कॉलेस्ट्रॉल कहते हैं। कॉलेस्ट्रॉल शरीर की कोशिकाओं को एनर्जी देता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो कॉलेस्ट्रॉल शरीर और उसकी कोशिकाओं के लिए ढांचागत सुविधाएं तैयार करने का काम करता है, और शरीर में बहुत से एंजाइम्स बनाने में भी मदद करता है। खाने में ज्यादा चिकनाई का इस्तेमाल करने वालों, एक्सरसाइज न करने वालों और ज्यादा तनाव में रहने वालों में कॉलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। जब कॉलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है तो चलने पर सांस फूलना व बीपी हाई की समस्या होने लगती है। इन लोगों का खून भी गाढ़ा होता है और उन्हें शुगर और दिल की बीमारियां होने का जोखिम बढ़ जाता है। असामान्य कॉलेस्ट्रॉल वोले लोगों को गंभीर परिणाम के तौर पर हार्ट अटैक, लकवा, नपुंसकता और चलने पर पैरों में दर्द जैसी समस्याएं झेलनी पड़ सकती है।
》कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार
● कोलेस्ट्रॉल के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवाओं में आरोग्यवर्द्धिनी वटी, पुनर्नवा मंडूर, त्रिफला, चन्द्रप्रभा वटी और अर्जुन की छाल के चूर्ण काकाढ़ा आदि का उपयोग किया जाता है। कोलेस्ट्रॉल के आयुर्वेदिक उपचार के कुछ अन्य तरीके निम्न प्रकार हैं-
1) आधा चम्मच अलसी के बीज पीसकर उन्हें पानी से खाली पेट लें। यह ट्राइग्लिसराइड कॉलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा इन बीजों को रोटी या सब्जी में डालकर भी खाया जा सकता है, या फिर आप इन्हें आटे में भी पिसवा सकते हैं। शुगर और हाई बीपी के रोगी भी इसका सेवन कर सकते हैं।
2) पांच ग्राम अर्जुन छाल का पाउडर 400 मिलीग्राम पानी में डालकर उबालें। एक चौथाई रह जाने पर इस घोल को उतार लें। गुनगुना हो जाने पर इसे खाली पेट पिएं।
3) दिन में दो बार खाने से पहले मेदोहर वटी व त्रिफला गुगल वटी की 2 - 2 गोलियां गुनगुने पानी से लें।
4) 25 से 50 ग्राम लौकी का जूस लें, इसमें तुलसी और पुदीने की 7 - 8 पत्तियां मिलाकर सुबह-सुबह खाली पेट पिएं।
5) सौंठ, मरीच व पीपल का चूर्ण में एक छोटी चम्मच दालचीनी मिला कर एक कप पानी में 10 मिनट के लिए भिगो दें, और छोड़ी देर बाद लें। स्वाद के लिए इसमें छोड़ा शहद मिला सकते हैं। इसे पीने से कफ दूर होता है औरकॉलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित र हता है।
6) सुबह के समय एक कप गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर लें। इसमें कुछ बूंदें नीबू के रस की भी डाल लें।
7) आधे चम्मच नीबू के रस में आधा चम्मच कुतरा हुआ अदरक और एक कली लहसुन मिलाकर हरबार खाने से पहले लें।
8) मेथी के बीज अंकुरित करके रोजा 5 ग्राम सुबह नाश्ते में लें।
9) नीम के 10 पत्तों को एक कप पानी में भिगो लें। इन्हें पीसकर छान लें और रोजाना दिन में किसी भी समय पिएं।
रोज सुबह-सुबह खाली पेट एक छोटा चम्मच जैतून का तेल पिएं।
10) इसके अलावा कॉलेस्ट्रॉल के रोगियों को हेल्थी और बैलेंस्ड डायट लेनी चाहिए। अपने वजन को नियंत्रण में रखने के लिए उन्हें कम कैलरी लेनी चाहिए। लेकिन
11) कॉलेस्ट्रॉल के कई मरीज फैट पूरी तरह बंद न करें। क्योंकि शरीर के लिए उचित मात्रा में फैट्स भी जरूरी होते हैं, बस क्वॉलिटी और क्वॉन्टिटी का ध्यान रखें।