1) पेट में अम्लता (एसिडिटी/Acidity) व गैस (Gas formation in stomach) -
एक लौंग और एक इलायची प्रत्येक भोजन व नाश्ता के बाद लें लेने पर कभी भी एसिडिटी व गैस नहीं होती ।
एक लौंग और एक इलायची प्रत्येक भोजन व नाश्ता के बाद लें लेने पर कभी भी एसिडिटी व गैस नहीं होती ।
2) पेट की गैस (gas formation in stomach) -
पेट की गैस की बीमारी यदि पुरानी न हो तो निम्नलिखित पेट की गैस-निवारक चटनी के सेवन से लाभ प्राप्त किया जा सकता है -
▪ मुनक्का (बीज निकालकर) 30 ग्राम,
▪ अदरक-6 ग्राम,
▪ सौंफ बड़ी-6 ग्राम,
▪ काली मिर्च-3 ग्राम,
▪ सेंधा नमक - 3 ग्राम (या स्वादानुसार) ।
इन पांचों वस्तुओं को थोड़े पानी में पीसकर चटनी बना लें। इसे दोनों समय भोजन के समय रोटी या भात के साथ आवश्यकतानुसार 1-2 चम्मच चटनी की भांति चाटें । आपको पेट की गैस और पेट खराबी में आराम मिलेगा ।
3) गैस की पीड़ा से छुटकारा दिलाने वाला गैसहर चूर्ण (gas relief mixture) -
छोटी हरड़ (बाल हर्र) एक किलो इन्हें साफ करके दही की छाछ (मही) में फुलाइए । सुबह फुलते छाछ में डाल दीजिए । दूसरे दिन सुबह छाछ मे से निकाल कर पानी से साफ करके, छाया में कपड़े पर डाल कर सुखा लीजिये। जब सूख जाएं तब पुन: छाछ में डालिये | छाछ में डालकर सुखाने में 'मही की भावना' देना कहते हैं | इस प्रकार इन हर्रों को मही की 3-4-6 (छ: तक) भावनाएं दीजिये | भावना देने के बाद, सूख जाने पर, इन्हें महीन पीस लीजिये | बारीक चलनी से छान लीजिये |
इस प्रकार बनाये गए एक किलो छोटी हरड़ के चूर्ण में पाव किलो अजवाइन पीस कर मिला लीजिये । फिर इस चूर्ण में काला नमक रुचि अनुसार मिला लीजिये । बस उत्तम गैसहर चूर्ण तैयार है ।
》सेवन विधि -
भोजन के बाद सेहत के अनुसार, यह चूर्ण गुनगुने पानी से लें । (ठंडा पानी से भी ले सकते है) इसके सेवन से - 1. गैस की तकलीफ कभी नहीं होगी । 2. तकलीफ होने पर 5-6 मिनिट मे आराम होता है । 3. पाचन शक्ति भी बढ़ती है । दस्त साफ होते हैं । गैस का दर्द दूर करने के लिये यह अचूक, शर्तिया दवा है ।
》चूर्ण बनाने की दूसरी विधि -
इन हर्रों को रेत में भूंज लीजिये । खूब फूलती है । इन्हें पीस लीजिये । जल्दी पिस जाते है ।
》 तीसरी विधि -
इस चूर्ण में 60 ग्राम सनाय (सोनामुखी) की पत्ती को हलका भुनकर चूर्ण बनाकर डालने से पुराने से पुराना बध्दकोष्ट (कब्ज) भी हफते भर में ठीक हो जाता है । सनाय की पत्ती, बिना भून का डालने से, पेट में भरोड़ आती है ।
पेट की गैस की बीमारी यदि पुरानी न हो तो निम्नलिखित पेट की गैस-निवारक चटनी के सेवन से लाभ प्राप्त किया जा सकता है -
▪ मुनक्का (बीज निकालकर) 30 ग्राम,
▪ अदरक-6 ग्राम,
▪ सौंफ बड़ी-6 ग्राम,
▪ काली मिर्च-3 ग्राम,
▪ सेंधा नमक - 3 ग्राम (या स्वादानुसार) ।
इन पांचों वस्तुओं को थोड़े पानी में पीसकर चटनी बना लें। इसे दोनों समय भोजन के समय रोटी या भात के साथ आवश्यकतानुसार 1-2 चम्मच चटनी की भांति चाटें । आपको पेट की गैस और पेट खराबी में आराम मिलेगा ।
3) गैस की पीड़ा से छुटकारा दिलाने वाला गैसहर चूर्ण (gas relief mixture) -
छोटी हरड़ (बाल हर्र) एक किलो इन्हें साफ करके दही की छाछ (मही) में फुलाइए । सुबह फुलते छाछ में डाल दीजिए । दूसरे दिन सुबह छाछ मे से निकाल कर पानी से साफ करके, छाया में कपड़े पर डाल कर सुखा लीजिये। जब सूख जाएं तब पुन: छाछ में डालिये | छाछ में डालकर सुखाने में 'मही की भावना' देना कहते हैं | इस प्रकार इन हर्रों को मही की 3-4-6 (छ: तक) भावनाएं दीजिये | भावना देने के बाद, सूख जाने पर, इन्हें महीन पीस लीजिये | बारीक चलनी से छान लीजिये |
इस प्रकार बनाये गए एक किलो छोटी हरड़ के चूर्ण में पाव किलो अजवाइन पीस कर मिला लीजिये । फिर इस चूर्ण में काला नमक रुचि अनुसार मिला लीजिये । बस उत्तम गैसहर चूर्ण तैयार है ।
》सेवन विधि -
भोजन के बाद सेहत के अनुसार, यह चूर्ण गुनगुने पानी से लें । (ठंडा पानी से भी ले सकते है) इसके सेवन से - 1. गैस की तकलीफ कभी नहीं होगी । 2. तकलीफ होने पर 5-6 मिनिट मे आराम होता है । 3. पाचन शक्ति भी बढ़ती है । दस्त साफ होते हैं । गैस का दर्द दूर करने के लिये यह अचूक, शर्तिया दवा है ।
》चूर्ण बनाने की दूसरी विधि -
इन हर्रों को रेत में भूंज लीजिये । खूब फूलती है । इन्हें पीस लीजिये । जल्दी पिस जाते है ।
》 तीसरी विधि -
इस चूर्ण में 60 ग्राम सनाय (सोनामुखी) की पत्ती को हलका भुनकर चूर्ण बनाकर डालने से पुराने से पुराना बध्दकोष्ट (कब्ज) भी हफते भर में ठीक हो जाता है । सनाय की पत्ती, बिना भून का डालने से, पेट में भरोड़ आती है ।